ये किस तरह की मोहब्बत है.|Ye Kis Tarah Ki Mohbbat Hai.| What kind of love is this?|



ये किस तरह की मोहब्बत है.

के मैं नये साल का,

कुछ इस तरह आगाज करती हुँ,🤗❤️

💕कि अब में इस रिश्ते से,

तुझे आज़ाद करती हुँ, 😣



और अब मेरी वजह से तुझे, 

यूं बदलने की ज़रूरत नहीं,

चलो अब दोस्ती से इस रिश्ते की नई शुरुआत करती हुँ,


की इस रिश्ते का अंजाम,

बखूबी जानती थी में,

इसीलिए इस दिल 💝 की नहीं मानती थी में ,

और आज तेरी ये बाते सीधा

💞 दिल पर लगी हैं,

वरना हर बार तेरी बातों को,

मज़ाक में टालती थी में, 


की कतरा कतरा मर रही हुँ में,

ये किस तरह की मोहब्बत कर रही हुँ में,

और तु भी ना बदल जाये ,

यूं सबकी तरह,

शायद इसी बात से डर रही हुँ में,


तुम्हीं को देने के लिए,

तुम्हीं से वक़्त मांगती हुँ में

तुम तो आज भी सो जाते हो आराम से,

और सारी रात जागती हुँ में,


और मेरी इस बेचैनी का अंदाजा 

एक दिन तुम्हे भी होगा मेरी जान

क्युकी आजकल दुआओँ में,

अपनी जगह पर तुम्हें मांगती हुँ मेरी जान


की बदल गये हैं वो,

लेकिन वो ये बात मानतें नहीं,

और किस तरह करते हैं वो मुझे नजरअंदाज़ ,

क्या हम ये बात जानते नहीं,


की ख्याल जब भी कोई ज़ेहन में आता हैं,

शब्दों का एक जाल सा बुन जाता हैं,


और ना जाने कैसे ,

बड़े आराम से सो जाते हैं कुछ लोग 


मुझे तो ख्वाब भी आज कल,

खुली आँखों में आते हैं,

की धीरे धीरे फिर वही होगा,

में रह जाऊंगी अकेली,

और तु साथ नहीं होगा,



और कहने और करने मैं बहुत फर्क होता हैं, मेरी जान 

जैसे मैं करती हुँ 

वैसे तुमसे प्यार नहीं होगा |



End. 

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